Thursday, February 11, 2016

मोरा राम जी पहुनवाँ के घुंघुर वाली बाल / महेन्द्र मिश्र

मोरा राम जी पहुनवाँ के घुंघुर वाली बाल।
अँखिया रसीली इनक र गोरे-गोरे, गाल।
दूलहा के चोरिए चोरिए अइनीं अंगनवाँ से
दँतवा में मिसी चमके बेंदिया लिला।
धानी दुपट्टा सोहे पटुका सोहावन से
कछली पीताम्बर काछे मोतिया के हार।
कलंगी सोहावन लागे साँवली सुरतिया कि 
महेन्द्र निहाने जियरा सालेला हमारा।

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